सरकारी बैंकों में अब स्थानीय भाषा के जानकार अधिकारी, ग्राहकों को मिलेगा बेहतरीन अनुभव

सरकारी बैंकों ने ग्राहकों को बेहतर सेवा देने और उनसे सीधा संवाद स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब वे स्थानीय भाषा में दक्ष अधिकारियों की भर्ती कर रहे हैं और अपने मौजूदा कर्मचारियों को भी भाषा प्रशिक्षण दे रहे हैं। यह पहल ऐसे समय में की जा रही है जब शाखा कर्मचारियों द्वारा स्थानीय भाषा न जानने के कारण ग्राहकों को होने वाली असुविधाओं के मामले लगातार बढ़ रहे थे। 

स्थानीय भाषा दक्षता बनी अनिवार्य

बैंक ऑफ बड़ौदा ने पिछले सप्ताह देश भर में 2,500 स्थानीय बैंक अधिकारियों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया। इसमें गुजरात में 1,160, महाराष्ट्र में 485 और कर्नाटक में 450 अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। इस भर्ती में स्थानीय भाषा में दक्षता को एक अनिवार्य पात्रता मानदंड बनाया गया है। बैंक के विज्ञापन के अनुसार, "उम्मीदवारों को उस राज्य की स्थानीय भाषा में प्रवीण होना चाहिए जिसके लिए वे आवेदन कर रहे हैं।" इसका मतलब है कि उन्हे स्थानीय भाषा को भाषा को पढ़ने, लिखने, बोलने और समझने में सक्षम होना चाहिए। उम्मीदवार केवल उसी राज्य के लिए आवेदन कर सकते हैं जिसके लिए आवेदन कर रहे हैं। 

स्केल-1 अधिकारियों की नियुक्ति और सेवा शर्तें

इन नव-नियुक्त अधिकारियों को स्केल-1 अधिकारी या कनिष्ठ प्रबंधन श्रेणी के कर्मचारी के तौर पर नियुक्त किया जाएगा। उन्हे केवल उसी राज्य में सेवा देनी होगी जिसके लिए उनकी नियुक्ति की जाएगी। उनकी सेवा अवधि 12 साल अथवा स्केल-4 (मुख्य प्रबंधक ग्रेड) में से जो भी पहले हो, तक निर्धारित की गई है। 

ग्राहक संतुष्टि पर जोर

बैंक ऑफ बड़ौदा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनका बैंक स्थानीय भाषा में सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि ग्राहक किसी दूसरे बैंक में न जाएं। उन्होंने विजय बैंक के साथ विलय के बाद से इस प्रतिबद्धता पर और जोर दिया। 

भारतीय स्टेट बैंक भी आगे

देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने भी इस दिशा में पहल की है। एसबीआई ने मई 2025 में एक विज्ञापन जारी कर स्थानीय भाषा में दक्षता रखने वाले 2,600 सर्किल बैंक अधिकारियों की भर्ती की घोषणा की थी एसबीआई के विज्ञापन में कहा गया था कि किसी विशेष सर्कल की रिक्तियों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को उस सर्कल की किसी भी निर्दिष्ट स्थानीय भाषा में कुशल होना चाहिए। एसबीआई की कुल रिक्तियों में से 250 बेंगलुरू सर्कल के लिए, 240 अहमदाबाद के लिए और 200 भोपाल के लिए थीं। 

मौजूदा कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण

बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सरकारी बैंक अपने मौजूदा कर्मचारियों को भी स्थानीय भाषा में प्रशिक्षित करने की योजना बना रहे हैं खासकर ग्रामीण शाखाओं के लिए, ताकि ग्राहक सेवा को बेहतर किया जा सके। इंडियन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, भारतीय स्टेट बैंक और केनरा बैंक जैसे बड़े सरकारी बैंक इस तरह के प्रशिक्षण की तैयारी कर रहे है। 

एसबीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अखिल भारतीय स्तर पर भर्ती किए जाने वाले प्रोबेशनरी ऑफिसर, जूनियर ऑफिसर एवं अन्य स्तर के अधिकारियों को भी उस राज्य की स्थानीय भाषा में प्रशिक्षित किया जाएगा जहां उनकी नियुक्ति की गई है। 

वित्त मंत्री की पहल

यह महत्वपूर्ण कदम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के उस निर्देश के बाद उठाया गया है, जिसमें उन्होंने बैंकों से ऐसे लोगों को तैनात करने के लिए कहा था, जो ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए क्षेत्रिय भाषा में बोल और समझ सकें। इससे ग्राहकों को अब बैंकों में अपनी भाषा में बेहतर और सुगम अनुभव मिल पाएगा।