शेयर बाजार में बड़ी गिरावट: ईरान-अमेरिका संकट और IT स्टॉक्स के दबाव से सेंसेक्स 511 अंक टूटा, निफ्टी 24,972 पर बंद
भारतीय शेयर बाजार ने सप्ताह के पहले ट्रेडिंग सेशन यानी सोमवार 23 जून को बड़ी गिरावट दर्ज की। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख और इजराइल-ईरान युद्ध में अमेरिका की कथित एंट्री से एशियाई बाजारों में दिखी सुस्ती का सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ा। इसके अलावा, पिछले सप्ताह एक्सचेंजर के नतीजों के बाद इन्फोसिस समेत अन्य आईटी स्टॉक्स में आई गिरावट ने भी बाजार को नीचे खिचने का काम किया।
बाजार का हाल
- बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex): 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 81,704.07 पर खुला और कारोबार के दौरान 81,476 अंक तक फिसल गया। अंत में यह 511.38 अंक या 0.62% की गिरावट लेकर 81,896.79 पर बन हुआ।
- एनएसई निफ्टी-50 (Nifty-50): निफ्टी-50 भी बड़ी गिरावट के साथ 25 हजार के नीचे खुला और कारोबार के दौरान 24,824.85 अंक के इंट्रा-डे लो तक चला गया। अंत में यह 140.50 अंक या 0.56% गिरकर 24,971.90 पर सेटल हुआ।
टॉप गेनर्स और लूजर्स
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से 21 शेयर लाल निशान में बंद हुए। सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयरों में एचसीएल टेक, इन्फोसिस, लार्सन एंड टुब्रो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी (ITC) शामिल रहे।
दूसरी ओर, कुछ शेयरों ने इस गिरावट में भी बढ़त दर्ज की। इनमें ट्रेंट, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक और बजाज फिनसर्व सबसे ज्यादा लाभ में रहे, जिनमें 0.58% से 3.39% तक की तेजी आई ।
IT स्टॉक्स में गिरावट की वजह
भारतीय आईटी कंपनियों जैसे इन्फोसिस लिमिटेड, टीसीएस लिमिटेड, विप्रो लिमिटेड के शेयर सोमवार को शुरुआती कारोबार में 3% तक फिसल गए। यह गिरावट मुख्य रूप से पिछले सप्ताह शुक्रवार को घोषित एक्सेंचर (Accenture) के निराशाजनक परिणामों के कारण देखी गई।
वैश्विक बाजारों से संकेत और कच्चे तेल का बढ़ता संकट
अमेरिका और ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर हमले करने के द्यावे के बाद सोमवार को एशियाई बाजारों में गिरावट आई, जिससे मध्य-पूर्व में व्यापक संघर्ष की आशंका बढ़ गई और तेल की कीमतों में उछल आया।
- ब्रेंट क्रूड: 2.62% बढ़कर $79.06 प्रति बैरल पर पहुंच गया।
- वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI): 2.75% बढ़कर $75.89 प्रति बैरल पर पहुंच गया।
क्षेत्र में बढ़ते बहु- राजनीतिक तनाव के बीच हाल के हफ्तों में तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। जापान के निक्केई इंडेक्स में 0.74% कोस्पी में 1.22% और एएसएक्स 200 में 0.76% की गिरावट आई। शुरुआती कारोबारी घंटों के दौरान अमेरिकी शेयर फ्यूचर्स में भी गिरावट दर्ज की गई।
सबसे बड़ी चिंता होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) को ईरान द्वारा बंद करने की आशंका है, जिसके जरिए वैश्विक तेल और गैस का लगभग 20% प्रवाह होता है। गोल्डमैन इन चिंताओं के बीच वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति के लिए बड़े जोखिम की बात काही है, जिससे तेल और प्राकृतिक गैस की कीमतों में भारी उछाल आ सकता है।
संस्थागत निवेशकों की गतिविधियां
संस्थागत गतिविधियों के मोर्चे पर, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने ₹7,704.37 करोड़ के शेयर खरीदे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 20 जून को ₹3,657.7 करोड़ के शेयर बेचे।
क्या यह गिरावट निवेशकों के लिए खरीदारी का मौका है या बाजार में अभी और अनिश्चितता बनी रहेगी?