शेयर बाज़ार में रिकॉर्डतोड़ तेज़ी: सेंसेक्स और निफ्टी ने लगाई ऊंची छलांग, 9 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचा बाज़ार
भारतीय शेयर बाजार में आज जबरदस्त लिवाली देखने को मिली, जिसके दम पर सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांक 9 महीने के अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच गए । अमेरिकी डॉलर और बान्ड यील्ड में नरमी के साथ-साथ अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीदों ने बाजार को बड़ी ताकत दी।
बाजार ने छुआ 9 महीने का शिखर
आज बीएसई सेंसेक्स 1,000 अंक 1.2% की शानदार बढ़त के साथ 83,756 पर बंद हुआ, वहीं एनएसई निफ्टी भी 304 अंक 1.2% उछल कर 25.549 के स्तर पर बंद हुआ। दोनों ही सूचकांक 1 अक्टूबर 2024 के बाद के अपने सर्वोच्च स्तरों पर पहुंचे हैं। गुरुवार को बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार मूल्यांकन ₹3.5 लाख करोड़ बढ़कर ₹457.5 लाख करोड़ के स्तर पर पहुंच गया।
अब सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही अपनी सर्वकालिक उचाईं से क्रमशः 2.4% और 2.5% ही दूर रह गए हैं।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व और ट्रंप का असर
बाजार को इस अटकल से काफी सपोर्ट मिला कि अमेरिकी केन्द्रीय बैंक फेडरल रिजर्व नीतिगत दरों में कटौती की कवायद तेज कर सकता है। खबरों के अनुसार,अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फेडरल रिजर्व के अगले प्रमुख के लिए नामांकन प्रक्रिया तेज कर सकते हैं, जिससे निवेशकों में यह उम्मीद बढ़ी है की नए प्रमुख के आने के बाद फेडरल रिजर्व का रुख और उदार हो सकता है।
निवेशक अब फेडरल रिजर्व द्वारा 51 आधार अंक के बजाय 63 आधार अंक की कटौती की उम्मीदों पर दांव लगा रहे हैं, यह बदलाव इस खबर के बाद आया है कि ट्रंप सितंबर में फेडरल रिजर्व के अगले प्रमुख की घोषणा कर सकते हैं। फेडरल रिजर्व के मौजूदा चेयरमैन जेरोम पॉवेल का कार्यकाल मई 2026 में समाप्त हो रहा है।
ग्लोबल संकेत और कमोडिटी मार्केट
पिछले सप्ताह अमेरिका के केन्द्रीय बैंक ने ब्याज दरें 4.25-4.5% के स्तर पर अपरिवर्तित रखी थीं। इस फैसले के बाद डॉलर सूचकांक 0.5% गिरकर 97.23 पर आ गया, जबकि 10 वर्ष की अवधि के बॉन्ड पर यील्ड 2 आधार अंक कम होकर 4.27% के स्तर पर आ गई। इस सप्ताह 10 वर्ष की परिपक्वता अवधि वाले बॉन्ड पर यील्ड कुल 10 आधार अंक कम हुई है।
जींस बाजार में कच्चा तेल (ब्रेंट क्रूड) 0.35% महंगा होकर $66.5 प्रति बैरल के स्तर पर कारोबार कर रहा था। हालांकि, पश्चिम एशिया में तनाव कम होने के बाद इसके दाम 13.2% तक कम हो चुके हैं।
विशेषज्ञों की राय:
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यू आर भट ने कहा, "अमेरिका में वायदा एवं बॉन्ड बाजार में ब्याज दरों में संभावित कटौती का असर दिखना भी शुरू हो गया है। इसे ब्याज दरें लंबे समय तक कम रहने का संकेत माना जा सकता है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में सिद्ध एवं धन प्रबंधन प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा "बाजार में आगे भी तेजी बनी रहनी चाहिए। निफ्टी अपने पुराने सर्वोच्च स्तरों तक पहुँच सकता है। आज सेंसेक्स में दर्ज तेज़ी में एचडीएफसी बैंक (2.2%) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (1.9%) का अहम योगदान रहा। बाजार का यह प्रदर्शन बताता है कि निवेशक वैश्विक और घरेलू दोनों मोर्चों पर सकारात्मक विकास को लेकर आशान्वित हैं।