पावर स्टॉक्स: बारिश से मांग घटी, लेकिन लॉन्ग टर्म में चमक बरकरार; एक्सपर्ट बोले– गिरावट में खरीदें
इस बार अप्रैल से जून (Q1FY26) तिमाही में अप्रत्याशित बारिश और कम गर्मी के कारण बिजली की खपत में गिरावट दर्ज कि गई है। एसबीआई कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार, इस तिमाही में 60% दिन सामान्य से अधिक बारिश वाले रहे, जिससे बिजली कि मांग सालाना आधार पर करीब 1.5% घट गई। यह वित्त वर्ष 2016 के बाद (कोविड काल FY21 को छोड़कर ) Q1 में पहली बार हुआ है जब बिजली कि मांग में कमी आई है। मई 2025 में बिजली की अधिकतम मांग 231 गीगावॉट रही, जो पिछले साल मई के 250 गीगावॉट से 7.5% कम है।
बिजली कंपनियों के लिए अल्पकालिक चुनौती
SBI कैपिटल का मानना है कि मौसम आधारित मांग में यह अस्थिरता बनी रह सकती है। इसका सीधा असर उन बिजली कंपनियों पर पड़ेगा, जिनका खर्च ज्यादा है। ऐसी कंपनियों को अपना मुनाफा बनाए रखने के लिए अक्सर खुले बाजार (मर्चेन्ट मार्केट) का सहारा लेना पड़ सकता है।
Q1FY26 में बिजली उत्पादन से जुड़ी कंपनियों के स्टॉक्स का प्रदर्शन मिला-जुला रहा। एनटीपीसी (NTPC), JSW एनर्जी (JSW Energy) और टोरेंट पावर (Torrent Power) के शेयरों में करीब 6.4% की गिरावट आई, हालांकि बाद में बाज़ार में आई मज़बूती से कुछ रिकवरी देखी गई। इस दौरान, बीएसई सेंसेक्स में 8% की बढ़त दर्ज की गई, जबकि बीएसई पॉवर इंडेक्स केवल 5.2% बढ़ा।
लॉन्ग टर्म में दमदार प्रदर्शन की उम्मीद
WealthMills Securities के इक्विटी स्ट्रैटेजी डायरेक्टर क्रांति बाथिनी के अनुसार, पावर सेक्टर की लंबी अवधि कि तस्वीर अभी भी मजबूत, लेकिन फिलहाल मौसम संबंधी अस्थिरता के कारण थोड़ा दबाव रह सकता है। उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि वे मौजूदा गिरावट में खरीदारी ('बाय ऑन डिप्स') की रणनीति अपनाएं।
Religare Broking के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिटेल रिसर्च) रवि सिंह का कहना है कि डेटा सेंटर, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे सेक्टर्स से आने वाली नई मांग बिजली कंपनियों के लिए लॉंग टर्म में बेहद फायदेमंद साबित होगी। उनका यह भी कहना है कि कई मजबूत स्टॉक्स में लंबे समय बाद ब्रेकआउट दिख रहा है और विदेशी निवेशक भी अब बिजली कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं।
भविष्य की मांग और प्रमुख स्टॉक्स
- अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) का अनुमान है कि अगले तीन सालों में भारत की बिजली की मांग औसतन 6.3% सालाना की दर से बढ़ सकती है, जो 2015-2024 के औसत 5% से ज़्यादा है।
- रेटिंग एजेंसी ICRA का भी अनुमान है कि FY26 से FY30 के बीच देश की बिजली मांग 6-6.5% की दर से बढ़ेगी। इसमें EV, ग्रीन हाइड्रोजन और डेटा सेंटर से आने वाली मांग का योगदान 20-25% तक हो सकता है।
रवि सिंह का मानना है कि NHPC, पावर ग्रिड और टाटा पावर जैसे स्टॉक्स में मौजूदा स्तरों से 8-10% कि बढ़त देखने को मिल सकती है। इन स्टॉक्स ने हालिया तेजी के बाद कुछ समय से कंसोलिडेशन दिखाया है, लेकिन तकनीकी चार्ट पर अब इनमें नए ब्रेकआउट के संकेत मिल रहे हैं।