Vodafone Idea के लिए अच्छी खबर: सरकार से मिल सकती है ₹84,000 करोड़ के बकाया पर छूट, शेयर ने पकड़ी रफ्तार

संकटग्रस्त टेलीकॉम कंपनी वोडाफ़ोन आइडिया के लिए एक बड़ी राहत की खबर  सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक,केंद्र सरकार कंपनी पर बकाया लगभग ₹84,000 करोड़ के एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) पर राहत देने के विकल्पों पर विचार कर रही है। इस खबर के बाद मंगलवार (24 जून ) को वोडाफ़ोन आइडिया के शेयर में शुरुआती कारोबार में ही 7% तक का जोरदार उछाल देखने को मिला।

क्या है सरकार की योजना? 

रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार AGR बकाया की भुगतान अवधि को 6 साल से बढ़ाकर 20 साल करने पर विचार कर रही है। इस कदम का मुख्य मकसद वोडाफ़ोन आइडिया को दिवालिया होने से बचाना है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि केंद्र सरकार अब कंपनी की सबसे बड़ी शेयरहोल्डर बन चुकी है, जिसकी हिस्सेदारी 22.6% से बढ़कर 48.99% हो गई है। कंपनी आने वाले वर्षों में भारी भुगतान की जिम्मेदारियाँ हैं, जिसके लिए एक ठोस राहत पैकेज की सख्त जरूरत महसूस की जा रही है। एक पेयस्ताव के तहत, कंपनी को हर साल सिर्फ ₹1,000 से ₹1,500 करोड़ की प्रतीकात्मक राशि देने की अनुमति मिल सकती है। यह संभावित राहत एक या कई उपायों का मिश्रण हो सकती है। 

सरकार बनी सबसे बड़ी शेयरधारक, लेकिन नियंत्रण अभी भी प्रमोटरों के पास

वोडाफ़ोन आइडिया ने इस साल की शुरुआत में घोषणा की थी कि केंद्र सरकार उसके बकाया स्पेक्ट्रम बकाये को इक्विटी में बदल देगी। इसी के बाद सरकार की कंपनी में हिस्सेदारी बढ़कर 48.99% हो गई है। हालांकि कंपनी ने नियामक फाइलिंग में स्पष्ट किया है की भले ही सरकार सबसे बड़ी शेयरधारक हो गई है लेकिन कंपनी के संचालन पर नियंत्रण अभी भी प्रमोटरों (Vodafone Group और Aditya Birla Group) के पास ही है।

शेयर का प्रदर्शन और भविष्य की उम्मीदें

मंगलवार को सुबह 11:55 बजे बीएसई पर वोडाफ़ोन आइडिया के शेयर ₹0.38 की तेज़ी के साथ ₹6.93 पर कारोबार कर रहे थे, जो 5.80% की बढ़त थी। हालांकि,पछले कुछ समय से कंपनी के शेयरों का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा है:

  • एक महिना: कोई खास बदलाव नहीं । 
  • तीन महीने: 75 की गिरावट । 
  • साल की शुरुआत से: 14% की गिरावट । 
  • बीते एक साल : 60% तक गिरे। 
  • पाँच साल : 30% से अधिक की गिरावट। 

सरकार की उस संभावित राहत से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है, जिससे शेयर में उछाल आया है। यह देखना दिलचस्प होगा की क्या यह कदम वोडाफोन आइडिया को वास्तव में 'संजीवनी' दे पाएगा और कंपनी के भविष्य को एक नई दिशा मिलेगी।