रेलवे और सड़क ट्रांसपोर्ट सेक्टर में काम करने वाली प्रमुख कंपनी जुपिटर वैगन्स (Jupiter Wagons) को लेकर एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग ने 'होल्ड' (HOLD) रेटिंग बरकरार रखी है। ब्रोकरेज का मानना है कि कंपनी में तेज़ी से बढ़ने की पूरी क्षमता है और यह 2029 तक ₹10,000 करोड़ की सालाना कमाई का लक्ष्य लेकर चल रही है। फिलहाल शेयर ₹372 पर ट्रेड कर रहा है और इसका टारगेट प्राइस ₹431 तय किया गया है, जिसका मतलब है करीब 16% का संभावित मुनाफा।
व्हीलसेट की कमी और रेलवे वैगन डिलीवरी
जुपिटर वैगन्स का एक बड़ा हिस्सा रेलवे के फ्रेट वैगन (Freight Wagon) के निर्माण से जुड़ा है। हालांकि, पिछले कुछ महीनों से व्हीलसेट की कमी के कारण ऑर्डर की डिलीवरी में दिक्कतें आ रही हैं। यह समस्या मुख्य रूप से रेलवे की व्हील फैक्ट्री से सप्लाई में कमी के कारण है। कंपनी को उम्मीद है कि यह परेशानी जुलाई 2025 तक खत्म हो जाएगी।
अभी कंपनी की कुल कमाई का 60% हिस्सा प्राइवेट ग्राहकों से आता है, जहाँ ऑर्डर की रफ्तार अच्छी बनी हुई है। इसके अलावा, सरकार की तरफ से साल के अंत में नए वैगन टेंडर आने की भी उम्मीद जताई गई है, जिससे कंपनी को फायदा होगा।
ओडिशा में नया व्हीलसेट प्लांट: चीन पर निर्भरता होगी कम
जुपिटर वैगन्स (JWL) ओडिशा में एक नया फोर्ज्ड व्हीलसेट प्लांट (Forged Wheelset Plant) बना रही है। इसकी सालाना क्षमता 1 लाख यूनिट होगी। अभी भारत में ये व्हीलसेट मुख्य रूप से चीन से मंगाए जाते हैं, लेकिन इस प्लांट के शुरू होने के बाद देश में ही इनका निर्माण होगा, जिससे चीन पर निर्भरता कम होगी।
- यह प्लांट ₹2,500 करोड़ की लागत से बन रहा है, जिसके लिए कंपनी ने ज़्यादातर फंडिंग का इंतज़ाम कर लिया है।
- प्लांट से बनने वाले व्हीलसेट का 40% एक्सपोर्ट होगा, 40% कंपनी खुद इस्तेमाल करेगी, और शेष 20% घरेलू ग्राहकों को बेचेगी।
- पूरी क्षमता पर चलने पर यह प्लांट ₹3,000 करोड़ की सालाना कमाई कर सकता है।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों से नई शुरुआत
जुपिटर वैगन्स की सहायक कंपनी जेईएम (JEM) ने इंदौर में अपना पहला इलेक्ट्रिक लाइट कमर्शियल वाहन (ELCV) 'तेज़' (TEZ) लॉन्च किया है। यह गाड़ी भारत के लॉजिस्टिक सेक्टर को टारगेट करती है। कंपनी ने बताया कि अगले वित्त वर्ष में करीब 500 गाड़ियां बेचने का लक्ष्य है। इसके अलावा, 2 टन और 3 टन की दो और गाड़ियां अगले दो साल में लॉन्च होंगी। कंपनी ने इसके लिए प्रिथापुर में एक नया प्लांट भी तैयार किया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे शहरों में इन गाड़ियों को उतारने की तैयारी कर रही है।
2029 तक ₹10,000 करोड़ की कमाई का रोडमैप
जुपिटर वैगन्स ने बताया कि वह साल 2029 तक ₹10,000 करोड़ का रेवेन्यू हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इस आय का विभाजन कुछ इस तरह होगा:
- 50% आय: फ्रेट वैगन से
- 30% आय: नए व्हील प्लांट से
- 8% आय: ब्रेक सिस्टम से
- 5% आय: कमर्शियल वाहन बॉडी से
- 7% आय: अन्य बिज़नेस से
वित्तीय वर्ष 2025 से 2027 के बीच कंपनी की आय में हर साल 15% की बढ़ोतरी होने की उम्मीद जताई गई है।
स्टॉक पर ब्रोकरेज की राय: अभी 'होल्ड', लंबी अवधि में तेज़ी संभव
एंटीक ब्रोकिंग का कहना है कि जुपिटर वैगन्स आने वाले दो सालों में अपनी आमदनी, मुनाफे और ऑपरेटिंग मार्जिन में अच्छी ग्रोथ दिखा सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी का एवरेज रिटर्न ऑन इक्विटी (RoE) 16% रह सकता है।
हालांकि, ब्रोकरेज का मानना है कि फिलहाल स्टॉक का वैल्यूएशन बहुत ऊंचा है, इसलिए इसमें निवेश के लिए थोड़ा इंतज़ार करने की सलाह दी गई है। यही वजह है कि एंटीक ब्रोकिंग ने 'होल्ड' रेटिंग बरकरार रखते हुए ₹431 का टारगेट प्राइस दिया है। यानी, अभी के लिए निवेश से दूर रहकर सिर्फ स्टॉक पर नज़र रखने की सलाह है, लेकिन लंबी अवधि में इसमें तेज़ी की संभावना बनी हुई है।