पिछले साल 5% से नीचे गिरने के बाद HDFC बैंक की अमेरिकी डिपॉजिटरी रिसीट्स (ADR) का प्रीमियम अपने भारतीय शेयरों के मुकाबले 10% से ज़्यादा हो गया है। यह दिखाता है कि देश के सबसे बड़े लेंडर में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी फिर से बढ़ गई है। लेकिन जब भारतीय शेयर 12% सस्ते मिल रहे हैं, तो विदेशी निवेशक ADR क्यों खरीद रहे हैं? इसका जवाब अमेरिका और भारत के बीच टैक्स से जुड़े अंतर में छिपा है।

मैक्वेरी के एक हालिया नोट के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के लिए लिक्विड ADR खरीदना टैक्स के लिहाज़ से ज़्यादा फ़ायदेमंद है, बजाय इसके कि वे सीधे भारतीय शेयर खरीदें। भारत सरकार ने 2024 के बजट में दीर्घकालिक और अल्पकालिक पूंजीगत लाभ करों (long-term and short-term capital gains taxes) में बढ़ोतरी की है, और आगे भी इसमें बढ़ोतरी की संभावना है।

ADR के मामले में, गैर-अमेरिकी निवेशक अमेरिका में पूंजीगत लाभ कर से बच सकते हैं। वहीं, अगर वे सीधे भारतीय शेयर खरीदते हैं, तो उन्हें भारत में 20% अल्पकालिक और 12.5% दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर चुकाना पड़ता है। यही वजह है कि ADR पर प्रीमियम देना विदेशी निवेशकों के लिए उचित हो जाता है।

आपको बता दें कि 2021 की शुरुआत में HDFC बैंक का ADR प्रीमियम 30% से ज़्यादा हो गया था। इसकी एक वजह घरेलू बाज़ार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए निवेश की सीमित गुंजाइश थी। हालांकि, HDFC बैंक और HDFC के विलय और 2023 में रिकॉर्ड FPI निकासी के बाद विदेशी निवेशकों के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध हो गए। हालिया उछाल से पहले, 2024 की शुरुआत तक ADR स्थानीय शेयरों के मुकाबले छूट पर कारोबार कर रहे थे।


HDFC बैंक के ADR का प्रीमियम 10% के पार: जानें क्यों विदेशी निवेशक भारतीय शेयर से सस्ता होने पर भी इसे चुन रहे हैं?

पिछले साल 5% से नीचे गिरने के बाद HDFC बैंक की अमेरिकी डिपॉजिटरी रिसीट्स (ADR) का प्रीमियम अपने भारतीय शेयरों के मुकाबले 10% से ज्यादा हो गया है। यह दिखाता है कि देश के सबसे बड़े लेंडर में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी फिर से बढ़ गई है। लेकिन जब भारतीय शेयर 12% सस्ते मिल रहे हैं, तो विदेशी निवेशक ADR क्यों खरीद रहे हैं? इसका जवाब अमेरिका और भारत के बीच टैक्स से जुड़े अंतर में छिपा है। 

मैक्वेरी के एक हालिया नोट के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के लिए लिक्विड ADR खरीदना टैक्स के लिहाज से ज्यादा फायदेमंद है,बजाय इसके कि वे सीधे भारतीय शेयर खरीदें। भारत सरकार ने 2024 के बजट में दीर्घकालिक और अल्पकालिक पूंजीगत लाभ करों ( long-term and short-term capital gains taxes) में बढ़ोतरी की है, और आगे भी इसमें बढ़ोतरी की संभावना है।

ADR के मामले में, गैर-अमेरिकी निवेशक अमेरिका में पूंजीगत लाभ कर से बच सकते हैं। वहीं, अगर वे सीधे भारतीय शेयर खरीदते हैं, तो उन्हे भारत में 20% अल्पकालिक और 12.5% दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर चुकाना पड़ता है। यही वजह है कि ADR पर प्रीमियम देना विदेशी निवेशकों के लिए उचित हो जाता है। 

आपको बता दें कि 2021 की शुरुआत में HDFC बैंक का ADR प्रीमियम 30% से ज्यादा हो गया था। इसकी एक वजह घरेलू बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए निवेश की सीमित गुंजाइश थी। हालांकि, HDFC बैंक और HDFC के विलय और 2023 में रिकॉर्ड FPI निकासी के बाद विदेशी निवेशकों के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध हो गए। हालिया उछाल से पहले, 2024 की शुरुआत तक ADR स्थानीय शेयरों के मुकाबले छूट पर कारोबार कर रहे थे।