कल्पतरु IPO की लिस्टिंग फीकी: ₹1,590 करोड़ के शेयर ने दी महज 0.02% की मामूली बढ़त

आज शेयर बाजार में कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल के ₹1,590 करोड़ के IPO की लिस्टिंग उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी। कंपनी का शेयर NSE पर ₹414 के भाव पर सूचबद्ध हुआ, जो इसके आईपीओ प्राइस के बिल्कुल बराबर था। वहीं, बीएसई पर यह ₹414.10 पर लिस्ट हुआ, यानी सिर्फ 0.2% की मामूली बढ़त ही देखने को मिली। निवेशकों को लिस्टिंग गेन की उम्मीद थी, लेकिन शेयर की सुस्त शुरुआत ने उन्हे निराश किया। 

IPO का सब्सक्रिप्शन और निवेशकों की दिलचस्पी

यह ₹1,590 करोड़ का आईपीओ 24 जून से 26 जून तक सब्स्क्रिप्शन के लिए खुला था। तीन दिन की इस इश्यू विंडो में इसे कुल 2.31 गुना सब्स्क्रिप्शन मिला, जो निवेशकों की अच्छी प्रतिक्रिया दर्शाता है। कुल 4.93 करोड़ शेयरों के लिए बोलियाँ प्राप्त हुई, जबकि बिक्री के लिए 2.13 करोड़ शेयर उपलब्ध थे। सबसे ज्यादा दिलचस्पी QIB (Qualified Institutional Buyers) सेगमेंट ने दिखाई, जहाँ 3.12 गुना बोलियां मिलीं। रिटेल निवेशकों ने 1.43 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NIIs) ने 1.40 गुना तक बोली लगाई। हालांकि, कर्मचारियों के लिए आरक्षित हिस्से में प्रतिक्रिया कमजोर रही, यहाँ सिर्फ 0.76 गुना ही सब्सक्रिप्शन हुआ।

कल्पतरु IPO से जुड़ी खास बातें

कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल के आईपीओ में केवल  फ्रेश इश्यू शामिल था, जिसका मतलब है कि कंपनी ने कुल 3.84 करोड़ नए शेयर बाजार में उतारे। इसमें कोई ऑफर फॉर सेल (OFS) हिस्सा नहीं था, यानी पुराने शेयरधारकों ने अपने शेयर नहीं बेचे। 

इस इश्यू में निवेश करने के लिए रिटेल निवेशकों को कम से कम 36 शेयरों के लिए आवेदन करना था, जिसके चलते न्यूनतम निवेश राशि ₹14,904 रही। कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए भी करीब 4,22,872 शेयर आरक्षित किए थे, जो उन्हे इश्यू प्राइस पर ₹38 की छूट के साथ पेश किए गए।

IPO से जुटाए गए फंड्स का उपयोग

आईपीओ से जुटाई गई रकम का उपयोग कंपनी अपने कर्ज चुकाने या उसे पहले से ही चुकता करने, जमीन और डेवलपमेंट राइट्स खरीदने, सामान्य कारपोरेट जरूरते पुरी करने और अपनी सब्सिडियरी कंपनियों के विस्तार में करेगी।  इस इश्यू को संभालने की जिम्मेदारी आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज को दी गई थी। जो इसकी बुक रनिंग लीड मैनेजर रही। वहीं, शेयरों के आवंटन और निवेशकों से जुड़ी सेवाएं देखने के लिए लिंक इनटाइम (MUFG Intime India Pvt. Ltd.) को रजिस्ट्रार बनाया गया था।