ऑपरेशन सिंदूर की खबर से शुरुआती दबाव, लेकिन बाज़ार ने दिखाई तुरंत रिकवरी
आज सुबह शेयर बाजार में कारोबार की शुरुवात थोड़ी नकारात्मक रही, जिसकी वजह भारत और पाकिस्तान के बीच 'आपरेशन सिंदूर" से जुड़ी खबरें थी। शुरुवाती 15 मिनटों में बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी और सेंसेक्स में गिरावट देखने को मिली। हालांकि,बाजार ने तुरंत मजबूती दिखाई और गैप डाउन ओपनिंग से उबरते हुये पॉज़िटिव क्षेत्र में वापस आ गए।
फिलहाल,बाजार में अभी भी कुछ दबाव बना हुआ है और निवेशक सतर्क रुख अपना रहे है। वे बाजार से स्पष्ट संकेतों का इंतजार कर रहे हैं ताकि कोई बड़ा फैसला ले सकें । ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो जब भी भारत पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है, निफ्टी में लगभग 5% तक की गिरावट दर्ज की गयी है। हालांकि इस बार परिस्थितियाँ कुछ अलग नजर आ रहीं हैं।
तेजी से रिकवरी का इतिहास :
आंकड़ों के अनुसार 1999 के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच हुये पाँच प्रमुख टकरावों के दौरान निफ्टी 50 में औसतन 5%तक की गिरावट आई लेकिन इसके बाद अगले छह महीनों में इसने दोहरे अंकों में रिटर्न दिया, यानि रिकवरी भी उतनी ही तेज रही। इस बार भी बाजार के मूड को देखकर ऐसा नहीं लग रहा है की यह लंबी गिरावट की ओर जाएगा।
बाजार का संकेत -केंद्र रुख :
विश्लेषकों का मानना है कि तनाव के समय बाजार मुख्य रूप से संकेतों पर ध्यान केन्द्रित करते हैं। आज कि खबर भारत द्वारा पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में नौ आतंकी ठिकानों पर किए गए संयुक्त सटीक हमले से संबन्धित है।
पिछली घटनाओं का विश्लेषण :
बजाज ब्रोकिंग के आंकड़ों पर गौर करें तो कारगिल युद्ध (1990), संसद पर हमला (2001), 26/11 मुंबई आतंकी हमला (2008),उरी सर्जिकल स्ट्राइक (2016) और बालाकोट हवाई हमले (2019) के दौरान निफ्टी की अधिकतम औसत गिरावट केवल 5.27% रही है। दिलचस्प बात है कि यह गिरावट करेक्शन ज़ोन में भी नहीं आई और पाँच में से चार मौंकों पर इंडेक्स ने छह महीने मे सकारात्मक रिटर्न दिया। 1999 और 2008 कि घटनाओं में तो 35% से अधिक कि तेजी भी देखने को मिली ।
इन ऐतिहासिक आंकड़ों और आज के बाज़ार के शुरुआती रुख को देखते हुए, निवेशक सतर्क ज़रूर हैं, लेकिन बड़ी गिरावट की आशंका फिलहाल कम दिखाई दे रही है। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में बाज़ार किस दिशा में आगे बढ़ता है और निवेशकों का क्या रुख रहता है।