निर्माण बूम के बावजूद सीमेंट उद्योग 20 साल में पहली बार मंदी की चपेट में: राजस्व 6.9% घटा

भारत का सीमेंट उद्योग वित्तीय वर्ष 2025 में सो दशकों में पहली बार राजस्व में गिरावट का सामना कर रहा है, यह स्थिति निर्माण क्षेत्र में मजबूत वृद्धि के बावजूद बनी है। कीमतों में गिरावट और मांग में ठहराव को गिरावट का मुख्य कारण बताया जा रहा है। 

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध सीमेंट निर्माताओं का संयुक्त राजस्व सालाना आधार पर 6.9% घटकर 2.1 लाख करोड़ रुपए रह गया, जो पिछले साल की वृद्धि के बिल्कुल विपरीत है। यह वित्त वर्ष 2004 के बाद पहली बार है, जब उद्योग के वार्षिक राजस्व में गिरावट दर्ज की गई है। इसके विपरीत, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, निर्माण क्षेत्र ने वित्त वर्ष 2025 में मौजूदा कीमतों पर 9.4% का विस्तार दर्ज किया, जो कुल जीडीपी वृद्धि में योगदान दे रहा है। हालांकि यह एक साल पहले की वृद्धि से थोड़ा कम है, फिर भी यह सीमेंट उद्योग की कमजोर स्थिति को उजागर करता है। निर्माण क्षेत्र का उत्पादन 14.38 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 15.72 लाख करोड़ रुपये हो गया है। 

 प्रमुख निष्कर्ष:

  • राजस्व में गिरावट:  सीमेंट उद्योग की कुल शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2025 में 2.22 लाख करोड़ रुपये से घटकर 2.1 लाख करोड़ रुपये हो गई है। 
  • सूचीबद्ध कंपनियों का प्रदर्शन: सूचीबद्ध सीमेंट कंपनियों का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर रहा, लेकिन उनकी शुद्ध बिक्री में भी 4.3% की गिरावट आई , जो 1.93 लाख  करोड़ रुपये से घटकर 1.85 लाख करोड़ रुपये रह गई है। 
  • छोटी कंपनियों पर असर: बिजनेस स्टैन्डर्ड के नमूने में शामिल 18 सूचीबद्ध  कंपनियों में से 13 ने शुद्ध बिक्री में गिरावट दर्ज की, जिसमें कई छोटी कंपनियों में दोहरे अंकों की गिरावट देखी गई । 
  • विलय और अधिग्रहण का प्रभाव: अल्ट्राटेक सीमेंट और अंबुजा सीमेंट्स, दो सबसे बड़े उत्पादकों, ने विलय और अधिग्रहण की मदद से राजस्व लाभ दर्ज किया। अल्ट्राटेक ने इंडिया सीमेंट्स और केसोराम इंडस्ट्रीज के सीमेंट डिवीजन का अधिग्रहण किया, जबकि अंबुजा ने पेन्ना सीमेंट और सांघी इंडस्ट्रीज का अधिग्रहण पूरा किया।
  • ऐतिहासिक सहसंबंध का कमजोर पड़ना: पिछले 20 वर्षों में, सीमेंट क्षेत्र की राजस्व वृद्धि ने निर्माण क्षेत्र की वृद्धि को बारीकी से ट्रैक किया था। हालांकि, वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2025 तक, निर्माण 13.8% की दर से बढ़ा, लेकिन सीमेंट कंपनियों की शुद्ध बिक्री में केवल 6.4% की वृद्धि हुई, जिससे यह सहसंबंध कमजोर होता दिख रहा है।

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च में कारपोरेट रेटिंग्स की निवेशक खुशबू लखोटिया ने बताया," वित्त वर्ष 2025 में सीमेंट की कीमतें सालाना आधार पर 5-6% गिर गई, जो 20 वर्षों में सबसे तेज गिरावट है।" विश्लेषकों ने इस राजस्व गिरावट का मुख्य कारण आपूर्ति में उछाल के बीच कीमतों में कमी को बताया है। 

यह विश्लेषण 35 सीमेंट फ़र्मों के डेटा पर आधारित है, जिसमें वर्तमान में सूचीबद्ध 18 कंपनियां शामिल हैं।