Indogulf Cropsciences IPO: एग्रोकेमिकल कंपनी ₹200 करोड़ जुटाने की तैयारी में, ग्रे मार्केट में शेयर ₹122 पर, एक्सपर्ट्स ने दी 'Subscribe' की सलाह 

दिल्ली की एग्रोकेमिकल कंपनी Indogulf Cropsciences का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) आज यानी 26 जून 2025 से आम निवेशकों के लिए खुल गया है। इस इश्यू के जरिए कंपनी कुल ₹200 करोड़ जुटाने की तैयारी में है, जिसमें नए शेयर जारी करना और कुछ पुराने शेयर बेचना शामिल है। 

एंकर निवेशकों से मिला ₹58 करोड़ का भरोसा

आईपीओ के खुलने से पहले ही Indogulf Cropsciences के शेयर गैर -आधिकारिक ग्रे मार्केट में  ₹122 पर ट्रेड हो रहे हैं। यह ₹111 के ऊपरी प्राइस बैंड से करीब ₹11 या 9.9% ज्यादा है। यह प्रीमियम बाजार में इश्यू को लेकर एक सकारात्मक माहौल का संकेत दे रहा है। 

IPO की मुख्य जानकारी:

  • खुलने की तारीख: 26 जून 2025
  • बंद होने की तारीख: 30 जून 2025 (तीन दिन खुला रहेगा)
  • प्राइस बैंड: ₹105 से ₹111 प्रति शेयर
  • लॉट साइज़: एक लॉट में 135 शेयर
  • न्यूनतम निवेश (रिटेल): ₹14,175 (एक लॉट के लिए)
  • अधिकतम बोली (रिटेल): 14 लॉट (1,890 शेयर) तक

अलॉटमेंट और लिस्टिंग की तारीखें:

  • शेयर अलॉटमेंट: 1 जुलाई 2025 को पूरा होने की उम्मीद है।
  • लिस्टिंग: Indogulf Cropsciences के शेयर 3 जुलाई 2025 को BSE और NSE पर लिस्ट होंगे।

जुटाए गए फंड का इस्तेमाल:

Red Herring Prospectus (RHP) के अनुसार, कंपनी इस रकम का इस्तेमाल अपने कारोबार को मज़बूत करने के लिए करेगी:

  • ₹65 करोड़: वर्किंग कैपिटल की ज़रूरतों के लिए।
  • ₹34.12 करोड़: कर्ज चुकाने के लिए।
  • ₹14 करोड़: हरियाणा के सोनीपत ज़िले में Dry Flowable (DF) Plant लगाने में।
  • बाकी रकम का इस्तेमाल सामान्य कॉर्पोरेट ज़रूरतों के लिए होगा।

एक्सपर्ट की राय : आनंद राठी रिसर्च ने दी 'Subscribe' की सलाह

आनंद राठी रिसर्च ने इस आईपीओ को "Subscribe" करने की सलाह दी है। ब्रोकरेज का मानना है की कंपनी का वैल्यूएशन संतुलित है और यह इश्यू 24.6 गुना P/E रेशियो पर आ रहा है। लिस्टिंग के बाद कंपनी का मार्केट कैप करीब ₹701.5 करोड़ होगा। 

विश्लेषकों के मुताबिक कंपनी की बैकवर्ड इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग फ़ैसिलिटी, R&D पर फोकस, सशक्त वितरण नेटवर्क और विविध प्रोडक्ट पोर्टफोलियो इसे लंबे समय के लिए एक मजबूत निवेश विकल्प बनाते हैं। हालांकि, यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि एग्रोकेमिकल सेक्टर मौसम और सरकारी नीतियों पर निर्भर रहता है।