संभव स्टील ट्यूब्स IPO की धमाकेदार लिस्टिंग: 34% प्रीमियम पर ₹110 पर हुआ डेब्यू, ग्रे मार्केट की उम्मीदें भी पार!

संभव स्टील ट्यूबस ने आज 2 जुलाई को शेयर बाजार में जबरदस्त एंट्री की है। कंपनी का शेयर NSE पर ₹110 के भाव पर लिस्ट हुआ, जो इसके इश्यू प्राइस ₹82 से पूरे ₹28 या 34.15% ज्यादा है। BSE पर भी इसकी लिस्टिंग ₹110.1 पर हुई, जो ₹28.1 यानी 34.27% प्रीमियम दर्शाती है।

आईपीओ से पहले ग्रे मार्केट में संभव स्टील ट्यूबस के शेयर ₹96 पर ट्रेड कर रहे थे, यानी इश्यू प्राइस से ₹14 या लगभग 17.07% ऊपर लेकिन लिस्टिंग ने ग्रे मार्केट की उम्मीदों को भी पीछे छोड़ दिया, जो निवेशकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। 

संभव स्टील ट्यूब्स IPO की मुख्य बातें

  • कंपनी ने कुल ₹540 करोड़ का पब्लिक ऑफर पेश किया था, जिसका प्राइस बैंड ₹77 से ₹82 प्रति शेयर तय किया गया था। 
  • इस आईपीओ को निवेशकों से शानदार प्रतिक्रिया मिली और इसे कुल 1,40,02,52,308 शेयरों के लिए बिड्स मिलीं, जबकि ऑफर में केवल 4,92,06,100 शेयर ही थे।
  • इस तरह, यह IPO कुल 28.46 गुना सब्सक्राइब हुआ।

किसने कितना निवेश किया?

  • QIBs (योग्य संस्थागत खरीदार): इनके लिए आरक्षित कोटा 62.32 गुना सब्सक्राइब हुआ, जो संस्थागत निवेशकों के मजबूत भरोसे को दर्शाता है।
  • NIIs (गैर-संस्थागत निवेशक): इन्होंने 31.82 गुना बिड की।
  • Retail Investors (खुदरा निवेशक): खुदरा निवेशकों का हिस्सा भी 7.99 गुना भरा।

IPO की बिडिंग 27 जून को खत्म हुई थी और शेयरों का अलॉटमेंट 28 जून को फाइनल हुआ था।

IPO फंड का इस्तेमाल और कंपनी का कारोबार

रेड हेरिंग प्रास्पेक्टम (RHP) के मुताबिक, संभव स्टील ट्यूबस आईपीओ से जुटाए गए ₹390 करोड़ का इस्तेमाल अपने कुछ कर्जों की प्रीपेमेंट या तय समय पर रीपेमेंट के लिए करेगी। बाकी बची रकम का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों को पूरा करने में किया जाएगा

संभव स्टील ट्यूबस की शुरुआत साल 2017 में हुई थी। यह कंपनी इलेक्ट्रिक रेजिस्टेंस वेल्डेड (ERW) स्टील पाइप और स्ट्रक्चरल ट्यूब्स बनाती है। इसका मैन्युफैक्चरिंग प्लांट  छत्तीसगढ़ के सरोरा में स्थित है। इंस्टॉल्ड कैपेसिटी के हिसाब से यह भारत की टॉप कंपनियों में से एक है और उन चुनिंदा दो कंपनियों में शामिल है जो नैरो-विड्थ HR कॉइल्स का इस्तेमाल ERW पाइप्स बनाने में करती है।

कंपनी स्टेनलेस स्टील कॉइल्स के बिजनेस में भी एक्टिव है। इसके प्रोडक्टस का उपयोग इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रीकल्चर, ऑटोमोबाइल और एनर्जी जैसे की महत्वपूर्ण सेक्टर्स में होता है। 31 दिसंबर 2024 तक कंपनी की सालाना बिक्री 1,98,956 मीट्रिक टन रही थी, जो इसकी मजबूत परिचालन क्षमता को दर्शाती है।