बाजार में हलचल की संभावना : इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ घटित होने वाली हैं, जिंका सीधा प्रभाव बाजार की दिशा पर पड़  सकता है।
मुख्य रूप से, अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव, भारत में जारी होने वाले महंगाई के आकंडे,और विप्रो और इन्फोसिस जैसी बड़ी आईटी कंपनियों के तिमाही नतीजे निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे। 
अमेरिका - चीन व्यापार युद्ध  
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध गहराता जा रहा है, जिससे वैश्विक बाज़ारों में अस्थिरता का माहौल बन रहा है। हाल ही में अमेरिका ने चीन से आयातित उत्पादों पर 145% शुल्क लगाया है, जिसके जबाब में चीन ने भी अमेरिका से आने वाले उत्पादों पर 125% शुल्क लागू किया है। हालांकि, चीन ने अभी भी बातचीत के लिए रास्ते खुले रखे हैं। इस व्यापारिक तनाव का असर भारतीय बाज़ारों पर भी पद सकता है। 
महंगाई के आंकड़े 
इस हफ्ते भारत में थोक मुली सूचकांक (WPI)और उपभोक्ता मुली सूचकांक (CPI) जैसे महत्वपूर्ण महंगाई के आंकड़े जारी होने वाले हैं। ये आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था की सेहत का अंदाजा लगाने में मदद करते हैं और निवेशक के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इसके अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन, और चीन से भी आर्थिक आंकड़े आने वाले हैं, जोवाइश्विक बाजार की दिशा को प्रभावित करेंगे। 
आईटी कंपनियों के नतीजे 
घरेलू स्तर पर, विप्रो और इन्फोसिस जैसी दिग्गज आईटी कंपनियाँ इस हफ्ते अपने मार्च तिमाही के नतीजे घोषित करेंगी। इन नतीजों का असर न केवल आईटी सेक्टर पर, बल्कि पूरे बाजार पर पड़ सकता है। इसके साथ ही एचडीएफ़सी बैंक जैसे निजी बैंको के नतीजे भी बाजार की चाल को प्रभावित करेंगे।
डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव भी बाज़ार की धारणा को प्रभावित करेंगे। ब्रेंट क्रूड में अस्थिरता निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन सकती है।
बाजार विशेषज्ञों का सुझाव है की निवेशक इस हफ्ते वैश्विक संकेतों, कंपनियों के तिमाही नतीजों और आर्थिक आंकड़ो पर ध्यान केन्द्रित करें। बाजार में अनिश्चितता बनी रह सकती है, इसलिए सतर्कता के साथ निवेश करना उचित रहेगा।