भारतीय शेयर बाजार इस सप्ताह कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों, विदेशी निवेशकों कि गतिविधियों और वैश्विक संकेतों से दिशा लेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौते से जुड़ी खबरें और वैश्विक बाज़ारों का प्रदर्शन भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। 

मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के निदेशक पुनीत सिंघानियाके अनुसार, भारत-पाकिस्तान तनाव कम होने और प्रमुख भू-राजनीतिक घटनाओं के पीछे छूटने के बाद, निवेशकों का मुख्य ध्यान अब कंपनियों के Q4 परिणामों पर केंद्रित होगा।उन्होने भारत- अमेरिका व्यापार समझौते के जल्द पूरा होने कि उम्मीद जताई, जिससे बाजार कि धारणा को और मजबूती मिल सकती है। सिंघानिया ने यह भी कहा  कि घरेलू और वैश्विक आर्थिक आंकड़े भी बाजार कि चल और निवेशकों के प्रवाह को प्रभावित करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के हालिया बयान, जिसमें उन्होने भरा द्वारा अमेरिकी वस्तुओं पर 100% शुल्क कटौती कि तैयारी और जल्द व्यापार समझौते कि संभावना जताई है, इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है। 

इस सप्ताह पावर ग्रिड, हिंडाल्को, ONGC, सन फार्मा, ITC और JSW स्टील जैसी बड़ी कंपनियां अपने तिमाही नतीजे घोषित करेंगी। रेलीगेयर ब्रोकिंग के अजित मिश्रा का कहना है कि इस सप्ताह कोई बड़ा वैश्विक या घरेलू घटनाक्रम नहीं है, इसलिए बाजार का ध्यान मुख्य रूप से कंपनियों के नतीजों और आने वाले आर्थिक आंकड़ों पर रहेगा। वैश्विक व्यपार समझौते से जुड़ी खबरों पर भी नजर रखी जाएगी। मिश्रा जी ने यह भी कहा कि बाजार कि तेजी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) के पूंजी प्रवाह पर भी बाजार कि नजर रहेगी। बीते सप्ताह शेयर बाजार में अच्छी तेजी देखने को मिली, जहां सेंसेक्स 3.61% और निफ्टी 4.21% चढ़ा। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि पूरे सप्ताह निवेशकों का ध्यान तिमाही नतीजों पर बना रहेगा। 

खास बात यह है कि FIIs,जो 2025 कि पहली तिमाही में बिकवाल रहे थे और उन्होने ₹1,16,574 करोड़ के शेयर बेचे थे, अप्रैल में खरीदार बन गए। यह बदलाव मई में और तेज हुआ है, और 16 मई तक FIs ₹23,778 करोड़ की खरीदारी की है। जिओजित इनवेस्टमेंट के वी के विजयकुमार ने कहा कि अमेरिका-चीन व्यापर तनाव में और भारत-पाक संघर्ष समाप्त होने के बाद वैश्विक व्यापार और निवेश के माहौल में सुधार हुआ है।