रिकॉर्ड ऊंचाई पर बाजार: मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी (MTF) से ट्रेडिंग में ज़बरदस्त उछाल, जून में ₹84,646 करोड़ पहुंचा कर्ज!

जैसे-जैसे निफ्टी और सेंसेक्स अपने रिकॉर्ड उच्च स्तरों के करीब पहुंचे हैं, निवेशकों ने एक बार फिर मार्जिन ट्रेडिंग फ़ैसिलिटी (MTF), यानी उधार लेकर ट्रेडिंग करने की ओर तेजी से रुख किया है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के आंकड़ों के अनुसार, जून 2025 के अंत तक MTF के तहत कुल बकाया कर्ज 7% बढ़कर ₹84,646 करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।

तिमाही आधार पर अप्रैल जून तिमाही में MTF कर्ज में 24.4% की प्रभावशाली बढ़ोतरी दर्ज की गई,जबकि पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च ) में इसमें 17.6% की गिरावट आई थी। ये यह दर्शाता है कि बाजार में तेजी लौटते ही निवेशकों का जोखिमों उठाने का हौसला भी बढ़ा है। 

क्या है MTF और यह कैसे काम करता है?

अप्रैल 2025 के निचले स्तरों से बाजार ने शानदार वापसी की है। इस अवधि में मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स ने बड़ी कंपनियों से बेहतर प्रदर्शन किया है। जहां निफ्टी और सेंसेक्स लगभग 17% ऊपर चढ़े वहीं मिडकैप में 27% और स्मॉलकैप में 35% की प्रभावशाली उछाल दर्ज की गई । 

अगर हम सिर्फ जून तिमाही की बात करें, तो मिडकैप इंडेक्स में 15.5%, स्मॉलकैप में 18.5% और निफ्टी50 में 8.5% की तेजी आई है। यह छोटी और मझोली कंपनियों में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी को दर्शाता है।

क्या MTF एक दोधारी तलवार है?

हालांकि MTF बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाता है और खुदरा निवेशकों की भागीदारी को बढ़ावा देता है, लेकिन यह एक जोखिम भी बन सकता है। आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स की स्ट्रैटेजी हेड, तन्वी कंचन कहती हैं, "MTF से रिटर्न तो ज्यादा हो सकता है, लेकिन घाटा भी उतना ही बड़ा हो सकता है। अगर यह लिवरेज कुछ खास शेयरों या सेक्टर्स में केंद्रित हो गया, तो पूरे सिस्टम पर असर पड़ सकता है।"

हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि इस समय MTF का बढ़ना चिंता का विषय नहीं है। सेबी (SEBI) ने इस साल खुदरा निवेशकों के डेरिवेटिव्स में जोखिम को कम करने के लिए कई नियम लागू किए गए हैं, जिनमें 20% मार्जिन अनिवार्य करना भी शामिल है। देवेन्द्र चोकसी के अनुसार,"सिस्टम अभी संतुलित है और यह तरंड बाजार के वॉल्यूम बढ़ने का स्वाभाविक परिणाम है।"

तन्वी कंचन बताती हैं कि छोटे निवेशकों को MTF का फायदा इसलिए दिख रहा है क्योंकि अब ब्रोकरेज कंपनियां 1000 से ज्यादा स्मॉलकैप स्टॉक्स पर भी यह सुविधा देने लगी हैं। साथ ही ब्याज दरें भी अपेक्षाकृत कम हैं। जो इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनती हैं, लेकिन यही इसका जोखिम भी बढ़ाती है।