इंडसइंड बैंक में हालिया लेखा अनियमितताओं के बाद विश्लेषकों ने बैंक के वित्तीय वर्ष 2025 और 2026 के लिए लाभप्रदता के अनुमानों को कम कर दिया है।
ब्रोकरेज फ़र्मों ने इंडसइंड बैंक के आंतरिक लेखा जोखा विभाग (आईएडी ) द्वारा उजागर कि गई अतिरिक्त लेखांकन विसंगतियों पर चिंता व्यक्त कि है। इन विसंगतियों के कारण बैंक कि मुख्य लाभप्रदता और कारोबारी विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने कि आशंका है।
इंडसइंड बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया है कि आईएडी कि माइक्रोफाइनेंस कारोबार कि समीक्षा में वित्तीय अर्श 2025 कि तीन तिमाहियों में कुल ₹674 करोड़ कि राशि अनुचित रूप से दर्ज कि गई थी, जिसे 10 जनवरी 2025 को पूरी तरह से वापस ले लिया गया । इसके अतिरिक्त आईएडी ने बैंक के अन्य सम्पत्तियों खाते में ₹595 करोड़ कि अपुष्ट राशि पाई, जिसे जनवरी 2025 में 'अन्य देनदारियों" खाते में स्थानांतरित कर दिया गया। इनवेस्टेक के एक नोट के अनुसार, ये लेखांकन विसंगतियां डेरिवेटिव से आय की अधिक रिपोर्टिंग से संबंधित पिछली समस्या को बढ़ाती हैं, जिसके कारण बैंक के वरिष्ठ नेतृत्व में बदलाव हुए थे। बैंक के सीईओ और डिप्टी सीईओ ने अप्रैल 2025 में और सीएफओ ने जनवरी 2025 में इस्तीफा दे दिया था। इनवेस्टेक ने बैंक में बढ़ती अनिश्चितता के बीच सतर्क रुख अपनाया है और मुख्य लाभप्रदता और व्यावसायिक विकास में संभावित संरचनात्मक नुकसान की चेतावनी दी है।
सीएलएसए के एक अन्य नोट में कहा गया है कि आडिट रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2025 के पहले नौ महीनों में ₹674 करोड़ कि राशि को ब्याज आय के रूप में गलत तरीके से दर्ज किया गया था, जिसे वित्तीय वर्ष 2025 कि चौथी तिमाही में ठीक किया जाएगा। इसके अलावा बैलेंस शीट में 'अन्य संपत्ति' और 'अन्य देनदारियों' को लगभग ₹600 करोड़ से अधिक दिखाया गया था।
हालांकि, इन खबरों के बावजूद शुक्रवार को बीएसई में बैंक के शेयर मामूली रूप से बढ़कर ₹782.30 पर बंद हुये थे। फिर भी विश्लेषकों का मानना है कि इन लेखांकन अनियमितताओं से बैंक कि भविष्य कि लाभप्रदता और विकास पर असर पद सकता है।