बड़ी खबर: केनरा बैंक, BoB, PNB और इंडियन बैंक ने खत्म की मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता; ग्राहकों को मिली बड़ी राहत

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपने करोड़ों ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक और इंडियन बैंक ने अब सेविंग्स अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस रखने कि शर्त को हटा दिया है। इसका सीधा मतलब है कि अगर आपके खाते में तय न्यूनतम राशि नहीं है, तो भी अब आपको कोई जुर्माना नहीं देना होगा। 

बैंक ऑफ बड़ौदा का बड़ा ऐलान:

बैंक ऑफ बड़ौदा ने इस संबंध में एक बड़ा ऐलान किया है। बैंक ने सेविंग्स अकाउंट में मिनिमम बैलेंस न रखने पर ग्राहकों से वसूले जाने वाले चार्ज को खत्म कर दिया है। यह नया नियम 1 जुलाई 2025 से लागू हो गया है। हालांकि, बैंक ने स्पष्ट किया है कि यह बदलाव प्रीमियम सेविंग्स अकाउंट जैसे BOB मास्टर स्ट्रोक एसबी अकाउंट, BOB सुपर सेविंग अकाउंट और BOB शुभ बचत पर लागू नहीं होगा। इन खातों में न्यूनतम शेष राशि न रखने पर अभी भी शुल्क लिया जाएगा। 

PNB भी दे चुका है राहत:

इससे पहले पंजाब नेशनल बैंक ने भी ग्राहकों को राहत देते हुए मिनिमम बैलेंस न रखने पर लगने वाले शुल्क को माफ करने की घोषणा की थी। PNB ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है। 

SBI ने 2020 में ही खत्म की थी शर्त

आपको बात दें कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने सबसे पहले 2020 में ही मिनिमम बैलेंस रखने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था। 

क्यों लिया गया यह फैसला?

यह महत्वपूर्ण बदलाव वित्त मंत्रालय के साथ हुई बातचीत के बाद आया है। दरअसल, बैंकों में अब सेविंग्स और करंट अकाउंट से मिलने वाला फंड कम हो रहा है, जिसकी जगह बैंक अब फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (CD) जैसे अधिक ब्याज वाले माध्यमों से पैसा जुटा रहे हैं।

बैंकों ने वसूले थे करोड़ों रुपये

एक चौकने वाला आंकड़ा सामने आया है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में, 11 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने न्यूनतम बैलेंस बनाए न रखने के कारण अपने खाता धारकों से कुल ₹2,331 करोड़ रुपये का शुल्क वसूला है। यह राशि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 के ₹1,855.43 करोड़ की तुलना में 25.63% अधिक है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि इन 11 बैंकों ने पिछले तीन वर्षों में केवल न्यूनतम बैलेंस न रखने के आधार पर कुल ₹5,614 करोड़ रुपये की वसूली की है।

किन बैंकों ने की सबसे ज़्यादा वसूली?

 इन 11 बैंकों में बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB), यूको बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं।

इनमें सबसे अधिकवसूली पंजाब नेशनल बैंक ने की है। जिसने अपने ग्राहकों से ₹633.4 करोड़ रुपये वसूले। इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा ने ₹386.51 करोड़ रुपये और इंडियन बैंक ने ₹369.16 करोड़ रुपये की वसूली की। इन शुल्कों की वसूली के लिए बैंकों ने बिभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों और उपभोक्ता वर्गों के आधार पर अलग-अलग स्लैब स्ट्रक्चर तैयार किए थे। 

न्यूनतम बैलेंस की अनिवार्यता खत्म होने से इस तरह के शुल्क से मुक्ति मिलेगी।