कांग्रेस सांसद कार्ति चिदम्बरम ने बैंकों द्वारा विभिन्न सेवाओं पर लिए जा रहें शुल्क को गैर जरूरी बताते हुए सरकार से इस मुद्दे पर ध्यान देने की मांग किया है। संसद चिदम्बरम ने लोकसभा में शून्यकाल के समय ये मुद्दा उठाया और कहा की बैंकों की सेवा की स्थिति भी अब एविएशन सेक्टर की तरह होती जा रही है। जहां हर सुविधा के लिए अलग से शुल्क लिया जाता है । 

बैंकों की सेवाओं पर बढ़ते शुल्क पर सवाल

कार्ति चिदम्बरम ने कहा की बैंकों में ग्राहकों से एटीएम से धन निकालने ,चेकबुक लेने जैसी बुनियादी सेवाओं पर शुल्क वशुला जा रहा है । इतना ही नहीं ,अगर खाते में न्यूनतम बैलेंस नही रहता, तो उस पर भी जुर्माना लगाया जाता है । उन्होने इस पर आपत्ति जताते हुये कहा की "कहीं  सा न हो कि भविष्य में बैंक शाखाओं में प्रवेश करने और अधिकारियों से बात करने के लिए भी शुल्क देना पड़े!"

बैंकिंग क्षेत्र की स्थिति पर गंभीर चिंता 

चिदम्बरम ने ये भी कहा कि जिस तरह घरेलू विमानन सेवाओं में सीट से लेकर भोजन तक हर चीज के लिए अतिरिक्त पैसे वसूले जाते हैं । इसी तर्ज पर बैंकिंग सेवाएँ भी धीरे धीरे महंगी होती जा रही हैं। यह एएम उपभोक्ताओं के लिए अनुचित और असुविधाजनक है । 

बैंक कर्मचारियों के लिए 5-दिन का कार्य सप्ताह जरूरी तृणमूल कांग्रेस की सांसद प्रतिमा मंडल ने भी बैंक कर्मियों पर अत्यधिक काम के बोझ का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से बैंकों में पांच दिवसीय कार्य सप्ताह लागू करने की मांग की।

सरकार से हस्तक्षेप की अपील

बैंकिंग शुल्कों को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच सरकार से मांग कि गयी है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करे और ग्राहकों पर लगाए जा रहे अनावश्यक शुल्कों पर रोक लगाएँ । अब ये देखन है कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है।