भारतीय बैंकिंग प्रणाली में नकदी की उपलब्धता में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। हालिया आंकड़ों के अनुसार, शुद्ध नकदी प्रवाह 40,788 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जिससे बाजार में तरलता बढ़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि मार्च के अंत तक नकदी की स्थिति में और सुधार देखने को मिल सकता है।भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा 10 अरब डॉलर की स्वैप नीलामी की गई है।
पिछले कुछ महीनों में बैंकिंग प्रणाली में नगदी की उपलब्धता में काफी उतार -चढ़ाव देखने को मिला है । मंगलवार को बैंकिंग प्रणाली में शुद्ध नगदी की स्थिति में 1.57 लाख करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की गई थी , जो बुद्धवार को बढ़कर 40,788 करोड़ रुपए हो गयी थी । दिसम्बर 2024 के मध्य से नगदी प्रवाह में गिरावट दर्ज की गयी थी , और यह जनवरी 2025 में बढ़कर 3.2 लाख करोड़ रुपए तक की गिरावट पाहुच गयी थी।
आरबीआई द्वारा बुद्धवार को 10 अरब डालर की स्वैप नीलामी के निपटान के बाद नगदी की स्थिति मे सुधार देखने को मिला ।
आई डी एफ सी फ़र्स्ट की मुख्य अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता के अनुसार सरकारी खर्च और स्वैप नीलामी के कारण नगदी प्रवाह मे महत्वपूर्ण सुधार हुआ है । स्वैप नीलामी के माध्यम से लगभग 90,000 करोड़ रूपये की राशि बैंकिंग प्रणाली में प्रवाहित हुयी है ।
मार्च 2025 के अंत तक प्रवाह में और बृद्धि की संभावना है ।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा 10 अरब डॉलर की स्वैप नीलामी की गई है
बैंकिंग प्रणाली में नकदी प्रवाह में हो रहे सुधार से स्पष्ट होता है कि सरकारी नीतियों और आरबीआई के उपायों का सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंत तक नकदी की स्थिति में और सुधार की उम्मीद की जा रही है, जिससे बाजार और बैंकिंग क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। यह आर्थिक स्थिरता और ग्रोथ के लिए एक सकारात्मक संकेत है।।