इंडसइंड बैंक को बड़ा झटका लगा है, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में बैंक को₹2,329
करोड़ का घाटा हुआ है। यह पिछले 19 सालों में उनका पहला तिमाही घाटा में है। इस नुकसान की मुख्य वजह प्रावधानों में भारी वृद्धि और बैंक के अकाउंटिंग में मिली कई खामिया है।
धोखाधड़ी का संदेह और आंतरिक जांच
बैंक ने यह भी बताया है की उनके बोर्ड को धोखाधड़ी का संदेह है, जिसमें बैंक के कुछ कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं जिनकी अकाउंटिंग और वित्तीय खुलासे में महत्वपूर्ण भूमिका थी। इस मामले में बैंक ने नियामक निकायों और जांच एजेंसियों के पास शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया है, साथ ही जिम्मेदार व्यक्तियों की जवाबदेही तय करने भी बात कही गयी है। इंडसइंड बैंक के चेयरमैंन सीनिल मेहता ने कहा है कि ये चूक दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन बोर्ड और प्रबंधन ने सभी मुद्दो को समय पर और व्यापक तरीके से हल करने का दृढ़ संकल्प दिखाया है।
नए सीईओ की तलाश जारी
बैंक के नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ ) के चयन कि प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रहा है। उम्मीद है कि 30 जून कि निर्धारित समय -सीमा से पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को नए सीईओ के नाम कि सिफ़ारिश कर दी जाएगी। जब तक नए सीईओ कि नियुक्ति नहीं हो जाती है तब तक बैंक का संचालन वरिष्ठ अधिकारियों कि एक समिति कर रही है।
तिमाही घाटे के बावजूद सालाना मुनाफा
चौथी तिमाही में नुकसान के बावजूद वित्त वर्ष 2025 में बैंक को ₹2,575 करोड़ का शुद्ध लाभ हुआ, हालांकि यह पिछले साल के मुक़ाबले 71% कम है। बैंक कि शुद्ध ब्याज आय (NII) में भी गिरावट आई है, जो चौथी तिमाही में 43% घटकर ₹3,048 करोड़ रह गई है।
एसेट क्वालिटी और एनपीए में वृद्धि
बैंक कि एसेट क्वालिटी भी खराब हुई है। सकाल गैर -निष्पादित आस्टिया (NPA) 3.13% और शुद्ध NPA 0.95% दर्ज कि गयी है। बैंक कि 70% से अधिक स्लिपेज माइक्रोफाइनेंस कारोबार से आई है। इन सभ चुनौतियों के बावजूद इंडसइंड बैंक का कहना है कि उनके बही खाते कि सेहत दुरुस्त है। बैंक कि पूंजी कि पर्याप्तता अनुपात 16.24%प्रावधान कवरेज अनुपात 118% है। बैंक के पास ₹39,600 करोड़ कि अतिरिक्त तरलता भी है। मार्च में बैंक ने अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में विसंगतियों का खुलासा किया था, जिनकी जांच में पता चला कि 2016 से2024 के दौरान किए गए कई लेनदेन मे अकाउंटिंग दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया था।