RBI ने परियोजना ऋण नियमों में दी बड़ी राहत: निर्माण चरण में अब सिर्फ 1% प्रावधान अनिवार्य
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वाणिज्यिक बैंकों और अन्य ऋणदाताओं को बड़ी राहत दी है। अब वाणिज्यिक रियल एस्टेट को छोड़कर सभी परियोजनाओं के लिए निर्माण चरण में बकाया ऋण का केवल 1% सामान्य प्रावधान अनिवार्य होगा। पिछले साल मई में जारी मसौदा मानदंडों में इसके लिए 5% प्रावधान का प्रस्ताव था। यह बदलाव 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा।
नए प्रावधान नियम क्या कहते हैं?
आरबीआई द्वारा जारी अंतिम मानदंडों के अनुसार:
- वाणिज्यिक रियल एस्टेट (CRE): निर्माण चरण में 1.25% सामान्य प्रावधान की जरूरत होगी।
- वाणिज्यिक आवासीय परियोजनाएं (CRE-RH ): इनके लिए निर्माण चरण में केवल 1% सामान्य प्रावधान आवश्यक होगा।
- अन्य सभी परियोजनाएं(CRE को छोड़कर): निर्माण चरण में 1% सामान्य प्रावधान अनिवार्य होगा।
परिचालन चरण (Operational Phase) में प्रावधान
ब्याज और मूलधन अदायगी शुरू होने के बाद की अवधि को 'परिचालन चरण' के तौर पर परिभाषित किया गया है। इस चरण के लिए मानक परिसंपत्ति प्रावधान की जरुरत और भी कम हो जाएगी:
- वाणिज्यिक रियल स्टेट (CRE): 1%
- वाणिज्यिक आवासीय परियोजनाएं (CRE-RH): 0.75%
- अन्य परियोजनाएं: 0.40%
फिलहाल, वाणिज्यिक रियल एस्टेट को छोड़कर अन्य सभी परियोजनाओं के लिए मानक परिसंपत्ति प्रावधान 0.4%है, और वाणिज्यिक रियल एस्टेट के लिए यह 1% है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि RBI ने स्पष्ट किया है कि बढ़े हुए प्रावधान की आवश्यकता मौजूद परियोजनाओं पर लागू नहीं होगी। पहले के मसौदा मानदंडों में मौजूदा परियोजनाओं के लिए भी उच्च प्रावधान का प्रस्ताव किया गया था, जिससे अब राहत मिल गई है।
ऋणदाताओं के कुल निवेश की सीमाएं
RBI ने ऋणदाताओं के लिए कुल निवेश की न्यूनतम सीमाएं भी तय की हैं:
- ₹1,500 करोड़ तक के कुल निवेश वाली परियोजनाएं: किसी भी व्यक्तिगत ऋणदाता का निवेश कुल निवेश का 10% से कम नहीं होना चाहिए।
- ₹1,500 करोड़ से अधिक के कुल निवेश वाली परियोजनाएं: किसी व्यक्तिगत ऋणदाता के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा 5% या ₹150 करोड़ (जो भी अधिक हो) होगी।
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
- भूमि/मार्ग का अधिकार: ऋणदाता को ऋण आवंटित करने से पहले सभी परियोजनाओं के लिए पर्याप्त भूमि/ मार्ग संबंधी अधिकार की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।
- PPP मॉडल के तहत बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए यह न्यूनतम 50% होना चाहिए।
- अन्य सभी परियोजनाओं (गैर-PPP बुनियादी ढांचा और गैर-बुनियादी ढांचा CRE एवं CRR-RH) के लिए यह 75% होनी चाहिए।
- दबावग्रस्त ऋण (Stressed Loans): नए मानदंडों में कहा गया है कि ऋणदाता परियोजना के प्रदर्शन और दबाव पर लगातार नजर रखेंगे। ऐसे मामलों में ऋणदाताओं से पहले ही समाधान योजना शुरू करने की उम्मीद की जाएगी। ऋणदाताओं को डिफ़ॉल्ट की तारीख से 30 दिनों के भीतर अदायगी कहते की प्रथम दृष्ट्या समीक्षा करने के लिए कहा गया है।
- DCC (Commercial Operation Commencement Date) विस्तार: वाणिज्यिक परिचालन शुरू करने की मूल या विस्तारित तिथि को आगे बढ़ाने से जुड़ी समाधान योजनाओं के लिए:
- बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए तीन साल तक का विस्तार।
- गैर-बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए दो साल तक का विस्तार। यह विस्तार लागत में वृद्धि और परियोजनाओं के दायरे एवं आकार में बदलाव को ध्यान में रखते हुए दिया गया है।