चेक के पीछे साइन क्यों करते हैं? कहीं फ्रॉड तो नहीं हो जाएगा?

क्या आपने कभी सोचा है कि चेक के पीछे हस्ताक्षर (साइन) क्यों किया जाता है और इसका क्या नियम है? अक्सर 90% लोग इस जरूरी बैंकिंग नियम से अनजान रहते हैं। आइए आज हम इसी दुविधा को दूर करते हैं कि चेक के पीछे साइन क्यों करते हैं, और क्या इससे आपका पैसा सुरक्षित रहता है या फ्रॉड का खतरा बढ़ सकता है। 

चेक के पीछे साइन कब करना चाहिए?

चेक के पीछे साइन करना है या नहीं, यह अक्सर लोगों को दुविधा में डालता है। कुछ लोग हर चेक के पीछे साइन कर देते हैं, जबकि कुछ कभी नहीं करते। सच्चाई यह है कि यह चेक के प्रकार और उसे कौन भुना रहा है, इस पर निर्भर करता है। इस उलझन को समझने के लिए, पहले दो मुख्य प्रकार के चेक को जानना जरूरी है:

  1. बेयरर चेक (Bearer Cheque): यह सबसे सामान्य लेकिन सबसे जोखिम भरा चेक होता है। इस पर जिसे पैसे देने होते हैं,उसका नाम लिखा होता है और उसके आगे "Or Bearer" (या धारक को) भी लिखा होता है। इसका मतलब है कि अगर यह चेक किसी और के हाथ लग गया, तो वह व्यक्ति बैंक काउन्टर पर जाकर इसे कैश करा सकता है,भले ही उसका नाम चेक पर न लिखा हो। 
  2. अकाउंट पेयी चेक (Account Payee Cheque): इसे सबसे सुरक्षित चेक माना जाता है। इस चेक के ऊपरी बाएं कोने पर दो तिरछी लाइनें "A/c Payee Only" लिखा जाता है। इसका अर्थ है कि इस चेक का पैसा नगद नहीं मिलेगा, बल्कि यह सिर्फ उसी व्यक्ति के बैंक खाते में जमा किया जाएगा, जिसके नाम पर चेक जारी किया गया है। 

चेक के पीछे साइन कब ज़रूरी है?

आपको बता दें  किआरबीआई का नियम कहता है कि चेक के पीछे साइन मुख्य रूप से बेयरर चेक पर लागू होता है। अगर कोई व्यक्ति किसी और के नाम पर जारी किया गया 'बेयरर चेक' बैंक में कैश कराता है, तो बैंक पहचान और रिकॉर्ड के लिए उससे चेक के पीछे हस्ताक्षर करने को कह सकता है।  

बैंक चेक के पीछे साइन क्यों करवाता है?

बैंक अपनी सुरक्षा और रिकॉर्ड के लिए चेक पीछे हस्ताक्षर करवाता है। चेक के पीछे किया गया हस्ताक्षर इस बात का प्रमाण होता है कि किस व्यक्ति ने पैसा प्राप्त किया है। अगर भविष्य में कोई विवाद होता है या चेक चोरी जैसी कोई घटना होती है,तो बैंक यह साबित कर सकता है कि उसने किस व्यक्ति को भुगतान किया था। 

क्या अपना ही चेक कैश कराते समय भी साइन करना होता है?

कई बार जब आप अपने ही नाम का बेयरर चेक कैश कराने जाते हैं, तब भी बैंक कर्मचारी आपसे चेक के पीछे साइन करने को कह सकता है। हालांकि, यह सिर्फ एक रसीद के तौर पर होता है कि अपने पैसा प्राप्त कर लिया है। लेकिन अकाउंट पेयी चेक को अपने खाते में जमा करते समय आमतौर पर पीछे साइन करने की जरूरत नहीं पड़ती है। 

धोखाधड़ी से बचने के लिए क्या करें?

  • हमेशा किसी को भी भुगतान करने के लिए अकाउंट पेयी चेक (A/c Payee Cheque) का ही इस्तेमाल करें। इससे यह सुनिश्चित होता है कि पैसा केवल सही व्यक्ति के खाते में ही जमा होगा।
  • बेयरर चेक देने से बचें, क्योंकि इसके खो जाने पर कोई भी इसका गलत इस्तेमाल करके पैसे निकाल सकता है।

निष्कर्ष : हमेशा चेक के पीछे साइन करने से पहले सतर्क रहना जरूरी है। चेक के नियमों को समझना आपको धोखाधड़ी से बचा सकता है और आपके पैसों को सुरक्षित रख सकता है।