ग्राहकों की जमा पर बढ़ेगी बीमा की सुरक्षा! सरकार 6 महीने में ले सकती है बड़ा फैसला
बैंक में आपकी जमा राशि अब और भी सुरक्षित हो सकती है। सरकार गंभीरता से बैंक ग्राहकों की जमा राशि पर बीमा की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है। फिलहाल बैंक में जमा ₹5 लाख तक की राशि ही बीमा के डरे में अति है, लेकिन आने वाले 6 महीनों के भीतर इस सीमा को बढ़ाया जा सकता है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर इसकी जानकारी दी है। अधिकारी ने बताया की वित्त मंत्रालय नई सीमा तय करते समय कई महत्वपूर्ण बातों पर गौर कर रहा है। इसमें कितने लोंगों को बीमा कवरेज मिलेगा, कुल कितनी जमा राशि का बीमा होगा, और सरकार वास्तव में कितनी गारंटी दे सकती है, जैसे पहलुओं पर गहन विचार विमर्श किया जा रहा है। अंतिम फैसला मौजूदा आय स्तर और वर्तमान में बीमित जमा राशि को ध्यान में रखकर लिया जाएगा।
क्या है जमा बीमा सीमा?
जमा बीमा सीमा वह अधिकतम राशि होती है जो जमाकर्ता को बैंक के दिवालिया होने कि स्थिति में वापस मिलती है। अधिकारी के अनुसार, संशोधित बीमा राशि पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन यह ₹10लाख के भीतर हो सकती है। जमा बीमा एवं ऋण गारंटी कार्पोरेशन (DICGC) जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, बारात में जमा बीमा का प्रबंधन करती है। इसमें वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, स्थानीय क्षेत्रीय बैंक और सहकारी बैंक शामिल है।
आरबीआई की मौजूदा स्थिति और ऐतिहासिक संदर्भ
जब बीमा जमा बढ़ाने के बारे में पूछा गया तो RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अहल में कहा था की फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होए याद दिलाया की लगभग 5 साल पहले ही जमा बीमा सीमा को ₹1 लाख बढ़ाकर ₹5 लाख किया गया था, जिसके डरे में 97% से अधिक बैंक खाते आते हैं। हालांकि, फरवरी में वित्तीय सेवाओं के सचिव एम नागराजु ने कहा था कि जमा बीमा बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार चल रहा है और मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद वित्त मंत्रालय इसे अधिसूचित करेगा।
क्यों हो रहा है यह बदलाव?
यह विचार मुख्य रूप से न्यू इंडिया सहकारी बैंक में आए संकट के बाद सामने आया। 13 फरवरी को RBI ने न्यू इंडिया सहकारी बैंक को नए ऋण देने से रोक दिया और छह महीने के लिए जमा निकासी पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया गया और एक प्रशासक नियुक्त किया गया। RBI के आंकड़ों के मुताबिक DICGC ने 2023-24 में ₹1,432 करोड़ के दावों का निपटान किया और यह राशि सरकारी बैंको से संबन्धित थी। पिछले वित्त वर्ष के अंत में, DICGC के साथ 1,997 बीमित बैंक पंजीकृत थे, जिनमें से 140 वाणिज्यिक बैंक और 1,857 सहकारी बैंक थे।
भारत में जमा बीमा कि शुरुआत 1962 में हुई थी,तब बीमा सीमा प्रति जमाकर्ता ₹1,500 थी। इसे समय-समय पर बढ़ाया गया, 1976 में ₹20,000, 1980 में ₹30,000 और 1993 में ₹1 लाख। पंजाब एंड महाराष्ट्र सहकारी बैंक संकट के बाद जमाकर्ताओं के हितों कि सुरक्षा के लिए 4 फरवरी ,2020 को बैंक जमा बीमा बढ़ाकर ₹5 लाख किया गया था।