भारतीय स्टेट बैंक (SBI),जो भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है। ये बैंक ने निजी क्षेत्र  के येस बैंक में अपनी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी को कम करने का एक बड़ा रणनीतिक निर्णय लिया है । बैंक ने शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर यह घोषणा की उसने यस बैंक में 13.19% हिस्सेदारी जापान की एक प्रमुख वित्तीय संस्था,सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कार्पोरेशन (SMBC) को बेचने की मंजूरी दे दी है। यह सौदा लगभग 8,888.97 करोड़ रुपये का होगा, जिसे लगभग 8,889करोड़ रुपये के रूप में भी जाना जा रहा है। 

मार्च 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक के पास येस बैंक मे कुल 24% हिस्सेदारी थी । इस प्रस्तावित सौदे के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद, यस बैंक में SBI की हिस्सेदारी काफी कम हो जाएगी और यह लगभग 10.8% तक सीमित रह जाएगी। 

SBI ने इस महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को विधिवत रूप से दी। बैंक द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, बैंक के केंद्रीय निदेशक मण्डल की कार्यकारी सीमित (Executive Committee of the Central Board - ECCB) की एक महत्वपूर्ण बैठक 9 मई, 2025 को आयोजित की गई थी। इसी बैठक में इस हिस्सेदारी बिक्री के प्रस्ताव पर गहन विचार-विमर्श किया गया और अंततः इसे मंजूरी प्रदान की गई।

भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी आधिकारिक घोषणा में यह स्पष्ट किया है की उन्हे उम्मीद है की यह पूरा लेन-देन, यानि सभी आवश्यक अनुमतियों की प्राप्ति और शेयर हस्तांतरण की प्रकिया, सौदे की संपन्नता की तारीख से अगले 12 महीनों के भीतर पूरी हो जाएगी । इसका अर्थ है कि इस सौदे का अंतिम परिणाम देखने के लिए कुछ समय का इंतजार करना होगा। इस कदम को भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक निर्णय के रूप में देखा जा रहा है। यस बैंक,जिसने कुछ समय पहलेवित्तीय संकट का सामना किया था, के पुनर्गठन में SBI ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अब SMBC जैसी एक प्रमुख जापानी वित्तीय संस्था का यस बैंक में एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी खरीदना, बैंक की वित्तीय स्थिरता और भविष्य की विकास संभावनाओं के लिए सकारात्मक संकेत माना जा सकता है। यह कदम यस बैंक में SBI की भूमिका और उसकी समग्र निवेश रणनीति में एक बदलाव को भी दर्शाता है। विश्लेषकों को मानना है की SBI इस पूंजी का उपयोग अपने मुख्य व्यवसाय को मजबूत करने और अन्य रणनीतिक निवेशकों पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए कर सकता है।