बैंकएश्योरेंस पर IRDAI का नरम रुख: मिस-सेलिंग उतनी बड़ी समस्या नहीं

बीमा नियामक भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बैंकएश्योरेंस मॉडल के खिलाफ किसी भी तरह कि सख्ती बरतने से इनकार कर दिया है। खासकर निजी क्षेत्र कि जीवन बीमा कंपनियों के लिए यह एक बड़ी राहत है। IRDAI का मानना है कि इस मॉडल के जरिए होने वाली 'मिस-सेलिंग' (गलत जानकारी देकर बिक्री) कि समस्या फिलहाल उतनी गंभीर नहीं है, जितनी इसे बताया जा रहा है। 

एक सूत्र ने बताया,"वितरण को अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता, इसे केवल आसान बनाया जा सकता है।" यह टिप्पणी इस बात पर जोर देती है कि नियम का लक्ष्य बिक्री प्रक्रिया को सुगम बनाना है, न कि उस पर अनावश्यक प्रतिबंध लगाना। 

मिस-सेलिंग पर पहले की चिंताएं

पिछले एक साल से, बैंकएश्योरेंस चैनल के माध्यम से बीमा योजनाओं कि गलत बिक्री को लेकर काफी चर्चा हो रही थी। इसमें वित्त मंत्रालय, IRDAI और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नरों ने भी बैंकों द्वारा बीमा उद्योग में कि जा रही गलत बिक्री पर चिंता जताई थी। 

  • हाल ही में, वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के सचिव एम नागराजू ने बैंकों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया था कि ग्राहकों को बीमा की गलत बिक्री न हो और उत्पादों को किफायती बनाया जाए। 
  • दिसंबर 2024 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और तत्कालीन IRDAI अध्यक्ष देबाशीष पांडा ने भी बैंकों के माध्यम से बीमा उत्पादों कि गलत या जबरन बिक्री पर चिंता जताई थी। उन्होंने बैंकों से अपनी मुख्य बैंकिंग सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करने और ग्राहकों का विश्वास बहाल करने का आग्रह किया था। 

RBI का रुख और संभावित प्रभाव

दिलचस्प बात यह है कि RBI ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि वह विनियम संस्थाओं (जैसे बैंक, NBFC) द्वारा वित्तीय उत्पादों और सेवाओं कि मिस-सेलिंग पर रोक लगाने के लिए दिशानिर्देश जारी करने पर काम कर रहा है। 

हालांकि, कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि मिस-सेलिंग कि चिंताओं को देखते हुए IRDAI इस पर सीमा तय कर सकता है कि कोई बीमा कंपनी बैंकएश्योरेंस चैनल के माध्यम से कितना कारोबार कर सकती है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर ऐसा होता है, तो इससे बीमा बेचने से बैंकों की शुल्क आय में 15-30% तक की कमी आ सकती है, जिससे उनके शुद्ध लाभ पर 1-2% का असर पड़ेगा।

बैंकएश्योरेंस की महत्ता और घटती शिकायतें

बैंकएश्योरेंस, बैंकों और बीमा कंपनियों के बीच एक साझेदारी है, जिसमें बैंक अपनी शाखाओं के माध्यम से बीमा उत्पादों को बेचते हैं। वित्त वर्ष 2024 में बैंकएश्योरेंस ने भारत के बैंकिंग क्षेत्र के लिए ₹14,500 करोड़ से अधिक की कमीशन आय अर्जित की, जो उनके कुल राजस्व का 2% है।

यह ध्यान देने योग्य है कि वित्त वर्ष 2024 के लिए IRDAI कि वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, जीवन बीमा की 'अनुचित व्यापार प्रथाओं' (UFBP) के तहत कुल शिकायतों कि संख्या वित्त वर्ष 2023 के 26,107 के मुकाबले 10.62% घटकर 23,335 रह गई है। यह गिरावट IRDAI के इस आकलन का समर्थन करती है कि मिस-सेलिंग की समस्या उतनी व्यापक नहीं है जितनी पहले मानी जा रही थी।