सारस्वत बैंक करेगा न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक का अधिग्रहण: RBI से मांगी मंजूरी, जमाकर्ताओं को पूरी सुरक्षा का भरोसा

मुंबई स्थित सारस्वत कोऑपरेटिव बैंक ने वित्तीय संकट से जूझ रहे न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक (न्यू इंडिया) के अधिग्रहण के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से संपर्क किया है। इस प्रस्तावित विलय से न्यू इंडिया को नया जीवन मिलने की उम्मीद है, और सारस्वत बैंक ने जमाकर्ताओं के हितों की पुरी सुरक्षा का भरोसा दिया है। यह विलय दोनों बैंकों के शेयरधारकों की मंजूरी के बाद हो आगे बढ़ेगा। 

न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक क्यों आया संकट में?

न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पिछले कुछ समय से मुश्किलों का सामना कर रहा है। फरवरी में आरबीआई ने बैंक द्वारा नए ऋण देने पर रोक लगा दी थी, और 13 फरवरी से 6 महीने के लिए जमा और निकासी पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बाद, आरबीआई ने बैंक के बोर्ड को निलंबित कर दिया और प्रबंधन के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया। बाद में, जमाकर्ताओं को ₹25,000 तक की निकासी की अनुमति दी गई।

यह कारवाई न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के कुछ अधिकारियों द्वारा धन के दुरुपयोग किए जाने के आरोपों के बाद हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप ऋणदाता का नेटवर्थ निगेटिव हो गया था। 

सारस्वत बैंक की पहल और भविष्य की योजना

सारस्वत बैंक के चेयरमैन गौतम ई ठाकुर ने इस पहल पर बात करते हुए कहा,"सहकारी क्षेत्र में हम सबसे बड़े बैंक हैं। इस क्षेत्र के अग्रणी के रूप में हमारा कर्तव्य है कि जहां आवश्यक समझें, कदम उठाएं। न्यू इंडिया के लिए जरूरी है कि कोई बड़ा बैंक इसमें रुचि ले। अगले 18 से 24 महीने में बदलाव की उम्मीद है। 

ठाकुर ने यह भी स्पष्ट किया कि विलय के बाद सारस्वत बैंक न्यू इंडिया की सभी संपत्ति और देनदारियां ले लेगा, और जमाकर्ताओं के हितों की पुरी तरह रक्षा की जाएगी। सारस्वत बैंक को उम्मीद है कि उन्हे इस अधिग्रहण के लिए RBI से सितंबर तक मंजूरी मिल जाएगी। इस प्रक्रिया पर पिछले 3 महीने से काम चल रहा है। 

दोनों बैंकों की भौगोलिक उपस्थिति और व्यवसाय

ठाकुर ने बताया कि दोनों बैंकों की कई राज्यों में मजबूत उपस्थिति है। सारस्वत बैंक की महाराष्ट्र,गोवा, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित 8 राज्यों में 312 शाखाएं हैं। 31 मार्च 2025 तक इसका कुल कारोबार ₹91,815 करोड़ का था।

वहीं न्यू इंडिया का कारोबार ₹3,560 करोड़ का है और इसकी मुंबई, ठाणे, पालघर, सूरत, पुणे और नवी मुंबई में 27 शाखाएं हैं। न्यू इंडिया का मुंबई में ग्राहकों का एक बड़ा आधार है, जिससे सारस्वत बैंक को अपनी पहुँच और मजबूत करने में मदद मिलेगी। यह प्रस्तावित अधिग्रहण न केवल न्यू इंडिया को स्थिरता प्रदान करेगा, बल्कि सारस्वत बैंक की उपस्थिति को भी और बढ़ाएगा।