भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हल ही में निष्क्रिय बैंक खातों को फिर से सक्रिय करने के लिए महतपुर्ण दिशानिर्देश जारी किए हैं। इननिर्देशों के तहत, अब बैंकों को अपनी सभी शाखाओं में गैर-प्रमुख शाखाओं सहित, ग्राहकों को KYC विवरण अपडेट करने कि सुविधा प्रदान करना अनिवार्य होगा। यह सुविधा उन खातों के लिए है जों निष्क्रिय हो गए हैं या जिनमे लंबे समय से कोई लेंन - देन नहीं किया गया है ।
नए दिशानिर्देशों की मुख्य बातें:
हर ब्रांच में KYC सुविधा: RBI ने स्पष्ट किया है कि सभी बैंक शाखाओं को, यहाँ तक कि उनकी छोटी शाखाओं को भी निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने के लिए KYC अपडेट कि सुविधा देनी होगी।
वीडियो KYC विकल्प : जहां संभव हो,बैंक खाताधारक की मांग पर विडियो उपभोक्ता पहचान प्रक्रिया (V-CIP) के माध्यम से भी KYC अपडेट की सुविधा प्रदान करेंगे ।
बिजनेस कोरेस्पोंडेट की मदद : निष्क्रिय खातों को फिर से सक्रिय करने के लिए बैंक अधिकृत बिजनेस कारेस्पोंडेंट की मदद भीं ले सकते हैं।
निष्क्रिय खाते की परिभाषा : RBI के अनुसार, एक खाता तब "निष्क्रिय" माना जाएगा जब ग्राहक के खाते की जानकारी या चेक बुक के अनुरोध सहित कोई गैर-वित्तीय गतिविधि, या कोई वित्तीय लेनदेन लगातार दो वर्षों तक नहीं होता है।
वार्षिक समीक्षा और सूचना: बैंकों को अब उन खातों की सालाना समीक्षा करनी होगी जिनमें एक साल से अधिक समय से ग्राहक की तरफ से कोई लेनदेन नहीं हुआ है। निष्क्रिय होने वाले खातों के बारे में ग्राहकों को पत्र, ईमेल या SMS के माध्यम से सूचित किया जाएगा, और उन्हें खाते सक्रिय करने के लिए अतिरिक्त समय भी दिया जाएगा।
टिप्पणी के लिए समय : RBI ने इस प्रारूप परिपत्र पर हितधारकों से 6 जून तक टिप्पणियां मांगी गयी है।
RBI का उद्देश्य : RBI ने दिसम्बर 2024 में बैंकों से अनुरोध किया था की वे निष्क्रिय या बंद पड़े खातों की संख्या को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाएँ । कई बैंक शाखाओं में कुल जमा राशि से अधिक राशि निष्क्रिय खातों या बिना दावे वाली रकम के रूप में मिली थी। इन नए दिशा निर्देशों का उद्देश्य ग्राहकों के लिए निष्क्रिय खातों को सक्रिय करना आसान बनाना और बिना दावे वाली रकम को उसके सही मालिकों तक पहुंचाना है।