फरवरी 2025 में महंगाई गर लक्ष्य से नीचे रहने के कारण, विश्लेषकों का मानना है की भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC), जिसकी बैठक 7अप्रैल से शुरू हुई है और नतीजे 9 अप्रैल को आएंगे, रेपों रेट में 25 आधार अंको की कटौती कर सकती है। कुछ विश्लेषकों को इससे बड़ी कटौती की संभावना दिख रही है। 

ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस नुवामा ने भी रेपों रेट में 25 बीपीएस की कटौती का अनुमान जताया है। नुवामा का कहना है कि वैश्विक व्यापार युद्ध के बीच आर्थिक विकास धीमा हो सकता है, जिससे पहले से ही कमजोर घरेलू मांग और भी प्रभावित हो सकती है। फरवरी 2025 में हेडलाइन महगाइ दर 3.6% रही, जो आरबीआई के लक्षित स्तर से नीचे रही है। जिससे दरें कम करने कि गुंजाइस बनती है । G7 देशों में बांड यील्ड्स में नरमी भी नीति निर्माताओं को सहारा देगी। नुवामा ने आरबीआई के हाल के तरलता आपूर्ति और नियमिक प्रतिबंधों में ढील के कदमो का स्वागत किया है, लेकिन कहा कि इंका पूरा असर दरों में कटौती के साथ लागू होने पर ही दिखेगा ,जिससे घरेलू अर्थव्यवस्था में गिरावट को रोका जा सके। बाजार MPC की भविष्य की गाइडेंस पर ध्यान देगा। नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन शिशिर बैजल को भी उम्मीद है कि आरबीआई रेपों रेट में 25 bps कि कटौती कर इसे 6% तक लाएगा, उन्होने कहा है कि फरवरी 2025 में खुदरा महंगाई दर 7 माह के निचले स्तर पर थी और घरेलू खपत भी धीमी है । जिससे दर कटौती कि संभावना मजबूत होती है । अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले रुपये कि हालिया मजबूती से आरबीआई को दरें कम करने में और आसानी होगी , जिससे बड़े पैमाने पर विदेशी पूंजी  आउटफ्लो के बिना राहत दी जा सकेगी । 

पीजीआईएम  इंडिया म्यूचुअल फ़ंड के पुनीत पाल ने कहा कि आरबीआई का वर्तमान रुख विकास समर्थक है और उसने तरलता प्रबंधन मे सक्रियता दिखाई है, बांड बाज़ारों को उम्मीद है कि MPC न केवल दरों में कटौती करेगी , बल्कि अपने मौद्रिक नीति रुख को  बदलकर अनुकूल भी कर सकती है। निवेशकों को शार्ट टर्म और कारपोरेट बांड फंड्स में निवेश जारी रखने कि सलाह दी गई है, जिनकी पोर्टफोलियो अवधि अधिकतम 4 वर्ष हो। डायनामिक बांड फंडस में भी शॉर्ट टर्म रणनीति के साथ निवेश किया जा सकता है,और निवेश का समय 12-18 महीने रखने कि सलाह है। एक वर्ष तक कि अवधि वाले मनी मार्केट इन्स्ट्रूमेंट्स भी आकर्षक दिख रहे हैं। अगले 1 महीने में 10वर्षीय बांड यील्ड 6.25% से 6.50% के बीच रहने कि उम्मीद है।